मशहूर ग़ज़ल - किसी पे दिल अगर आ जाए तो क्या होता है
किसी पे दिल अगर आ जाए तो क्या होता है!
वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है!!
कोई दिल पे अगर छा जाए तो क्या होता है!
वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है!!
मुझको जुल्फ़ों के साए में सो जाने दो सनम,
हो रहा है जो दिल मे हो जाने दो सनम,
बात दिल की दिल में रह जाए, तो फ़िर क्या होता है!
वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है!!
क्या मंज़ूर है ख़ुदा को बताओ तो ज़रा,
जान जाओगी बाहों में आ जाओ तो ज़रा,
कोई जो बाहों में आ जाए तो फ़िर क्या होता है!
वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है!!
ग़ज़ल - 'गुलशन बावरा'
👌so romantic
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