मशहूर ग़ज़ल - किसी पे दिल अगर आ जाए तो क्या होता है

ग़ज़ल-किसी पे दिल अगर आ जाए तो फिर क्या होता है - गुलशन बावरा


किसी पे दिल अगर आ जाए तो क्या होता है! 
वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है!!

कोई दिल पे अगर छा जाए तो क्या होता है!
वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है!!

मुझको जुल्फ़ों के साए में सो जाने दो सनम,
हो रहा है जो दिल मे हो जाने दो सनम,

बात दिल की दिल में रह जाए, तो फ़िर क्या होता है!
वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है!!

क्या मंज़ूर है ख़ुदा को बताओ तो ज़रा,
जान जाओगी बाहों में आ जाओ तो ज़रा,

कोई जो बाहों में आ जाए तो फ़िर क्या होता है!
वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है!!

ग़ज़ल - 'गुलशन बावरा'

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

आपके बहुमूल्य सुझाव की प्रतीक्षा में...

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

चार वेद, छ: शास्त्र, अठारह पुराण | 4 Ved 6 Shastra 18 Puranas

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' की ओजपूर्ण कविता- कलम आज उनकी जय बोल

हिंदी भाषा में रोजगार के अवसर [करियर] Career in Hindi language