चार वेद, छ: शास्त्र, अठारह पुराण | 4 Ved 6 Shastra 18 Puranas
चार वेद 4 ved में ही सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का गूढ़ ज्ञान समेटे हुए सनातन धर्म Sanatan dharma विश्व का प्राचीनतम धर्म है । इसकी समस्त मान्यताएँ और परम्पराएँ पूर्णतः वैज्ञानिक हैं । वस्तुतः यह एक जीवन शैली है जो मनोवैज्ञानिक होने के साथ-साथ व्यावहारिक भी है। जैन धर्म हो या सिख धर्म या फिर बौद्ध धर्म सब इसी सत्य सनातन धर्म रूपी वट-वृक्ष की ही शाखाएँ-प्रशाखाएँ हैं। इस पर आधारित अग्रोल्लिखित साहित्य समुच्चय (चार वेद, छह शास्त्र, अट्ठारह पुराण आदिक) विश्व भर में अद्वितीय है। चार वेद - यह तो सर्वविदित है कि "वेद कितने हैं "। वेदों की संख्या चार हैै जिसे वेद-चतुष्टयी कहा जाता है। चार वेदों 4 ved के नाम क्रमानुसार निम्नलिखित हैं : ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद अथर्ववेद ऋग्वेद को विश्व का प्राचीनतम साहित्य होने का गौरव प्राप्त है । उपवेद - चारों वेदों के क्रमशः चार उपवेद हैं, जो निम्नवत् हैं : स्थापत्य या शिल्पवेद धनुर्वेद गंधर्ववेद आयुर्वेद उपनिषद् ईश उपनिषद केन उपनिषद कठ उपनिषद अथवा कठोपनिषद प्रश्न उपनिषद मुण्डक उपनिषद माण्डूक
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